Welcome!

Sunday, July 31, 2011

 "बहुत शोर हैं यहाँ"
     तीखी चुभती आवाज़े हैं यहाँ 
हर तरफ चीखे और
       आक्रोश भरी नज़रें हैं यहाँ !
       गुस्साएं चेहरे........
भावनाओं पर लगे 
हज़ार पहरे हैं यहाँ !

बंद होते दरवाज़े 
और सिकुड़ती दीवारे हैं यहाँ !

 क्यूँ एक कोना नहीं 
 ठंडी सी प्यारी छाव नहीं 
 क्या कोई आसरा बचा नहीं
  दो पल चैन मिल सके कही !

काश होता कोई दूसरा जहां कहीं 
       बहुत शोर हैं यहाँ, हर गली, हर कहीं.......
 
     

1 comment:

  1. आक्रोश भरी नज़रें हैं यहाँ !
    different attitude about the world .....nice line manali!

    ReplyDelete