हर दिन नए सवाल उमड़-उमड़ कर आ रहे हैं
ए ज़िन्दगी, हैं कोई जवाब तुम्हारे पास?
सवालों पर कुछ रहम तो खाओ
बेचारे, कतारों में खड़े पसीना बहा रहे हैं
और तुम, बेरहमो की तरह भाग रही हो?
अरे सुनो, ज़रा रुको, कुछ पल ठहर के देखो
महसूस तो कर के देखो खुद को
एहसासों की पनाह में चंद सांसे भर के देखो
जाने किन उलझनों में गुंथी पड़ी हो
किसी दिन, सुलझनो का स्वाद भी चख के देखो
जवाबो की कतारे अपने आप लग जाएँगी
सवालो को फिर चैन मिलेगा ..
और शायद मुझको भी ........
ए ज़िन्दगी, हैं कोई जवाब तुम्हारे पास?
सवालों पर कुछ रहम तो खाओ
बेचारे, कतारों में खड़े पसीना बहा रहे हैं
और तुम, बेरहमो की तरह भाग रही हो?
अरे सुनो, ज़रा रुको, कुछ पल ठहर के देखो
महसूस तो कर के देखो खुद को
एहसासों की पनाह में चंद सांसे भर के देखो
जाने किन उलझनों में गुंथी पड़ी हो
किसी दिन, सुलझनो का स्वाद भी चख के देखो
जवाबो की कतारे अपने आप लग जाएँगी
सवालो को फिर चैन मिलेगा ..
और शायद मुझको भी ........
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