हसरतें ....हसरतें ....हसरतें ....
ज़िन्दगी ने पाल राखी हैं कितनी हसरतें ....
रिमझिम-सी बारिशों में
बूंदों-सी हसरतें....
कभी तपते कोयले पर
लोहे-सी तड़पती हसरतें !
बादल भरे आसमान पर
बिजली-सी चमकती हसरतें...
कभी तेल भरे दीये में
लौ-सी जलती हसरतें !
वीरान पड़े बागीचे में
कलि-सी खिलती हसरतें....
कभी टूटते कांच-सी
टूटती बिखरती हसरतें !
सूरज की किरणों से
आस बन चमकती हसरतें...
कभी पतझड़ में टहनियों से
पत्तियों-सी झडती हसरतें !
छोटे किसी बच्चे जैसी
रोती-मुस्कुराती मेरी हसरतें !
ज़िन्दगी से पाल राखी हैं मैंने कितनी हसरतें ....
ज़िन्दगी ने पाल राखी हैं कितनी हसरतें ....
रिमझिम-सी बारिशों में
बूंदों-सी हसरतें....
कभी तपते कोयले पर
लोहे-सी तड़पती हसरतें !
बादल भरे आसमान पर
बिजली-सी चमकती हसरतें...
कभी तेल भरे दीये में
लौ-सी जलती हसरतें !
वीरान पड़े बागीचे में
कलि-सी खिलती हसरतें....
कभी टूटते कांच-सी
टूटती बिखरती हसरतें !
सूरज की किरणों से
आस बन चमकती हसरतें...
कभी पतझड़ में टहनियों से
पत्तियों-सी झडती हसरतें !
छोटे किसी बच्चे जैसी
रोती-मुस्कुराती मेरी हसरतें !
ज़िन्दगी से पाल राखी हैं मैंने कितनी हसरतें ....
awesome :)
ReplyDelete