आदत प्याले की लग जाती
तो हालत बुरी हो जाती!
उससे से तो बच गया
तुझसे बचने को कहाँ भागु ?
प्याले तो छूट गए, तेरी आदत लगा गए
मैं अपनी आदतों से दूर कहाँ भागु?
दुनिया तुझमे सिमटी हैं अपनी
अपनी दुनिया से दूर कहाँ भागु ?
अब किसी रंगीन पानी की क्या ज़रूरत
तेरी आदते काफी हैं
तू ही मेरी रंगीनियत और हया हैं
ये रंगीनियत और हया छोड़ मैं कहाँ भागु ?
बता, मैं तुझसे दूर कहाँ भागु ?
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